सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

वाशिंग मशीन से त्रस्त एक व्यक्ति की व्यथा

वाशिंग मशीन से त्रस्त एक व्यक्ति की व्यथा सदी का सबसे फोकट अविष्कार अगर हुआ है तो वो है वॉशिंग मशीन, ये किसलिए बनाई गई है, ये काम आसान करती है या बढ़ाती है, अव्वल तो कपड़ो को गोल गोल घुमाना मात्र काम है इसका, ऊपर से गठानें अलग लगा देती है एक दूसरे में, जितना टाइम धोने में नही लगता उतना तो कपड़े सुलझाने में लगता या... शर्ट की बाजू पैंट में घुसी हुई है, पैंट का एक हिस्सा साड़ी में से निकल बनियान से होता हुआ दुप्पटे को पेटीकोट से अटैच कर रहा या... टाइमर ऑफ होने के बाद मशीन का ढक्कन खोलो तो ऐसा लगता है शादी की प्लेट लिए फूफा बैठे हैं जिसमें चावल में गुलाबजामुन है, अचार में पनीर है, पापड़ में रसमलाई है और पूरिया खीरे टमाटर में दबी कुचली आखरी सांसे गिन रही हैं.. उसपर टाइमर पूरा होने पर आवाज़ ऐसी कर्कश आती है के जैसे मशीन धमका रही हो के निकाल लो इससे पहले कपड़े आपस में एक दूसरे का गला घोंट के मार दें गुत्थमगुत्था होकर .. गए साब कपड़े जैसे तैसे, तो एक ड्रायर नामक अज़ाब साइड में इंतज़ार कर रहा होता है, इसमें कपड़े सेट करना अपने आप में एक जटिल प्रक्रिया है, अगर ज़्यादा भर दिए तो घूमने से साफ इंका
हाल की पोस्ट

श्रीराम से बृहदबल तक के वंश का संक्षिप्त वर्णन

  श्रीराम से बृहदबल तक के वंश का संक्षिप्त वर्णन नीचे दिया जा रहा है: श्रीराम के दो पुत्र हुए -  लव  और  कुश । कुश के पुत्र  अतिथि  हुए। अतिथि के पुत्र का नाम  निषध  था। निषध के पुत्र  नल  हुए। नल के पुत्र  नभस  हुए। नभस के पुत्र का नाम  पुण्डरीक  था। पुण्डरीक के  क्षेमधन्वा  नामक पुत्र हुए। क्षेमधन्वा के  देवानीक  हुए। देवानीक के  अहीनगर  हुए। अहीनर के पुत्र का नाम  रूप  था। रूप के  रुरु  नामक पुत्र हुए। रुरु के  पारियात्र  नामक पुत्र हुए। पारियात्र के पुत्र का नाम  दल  था। दल के पुत्र  शल  हुए। शल के पुत्र का नाम  उक्थ  था। उक्थ के  वज्रनाभ  नामक पुत्र हुए। वज्रनाभ से  शंखनाभ  हुए। शंखनाभ के  व्यथिताश्व  नामक पुत्र हुए। व्यथिताश्व से  विश्‍वसह  हुए। विश्वसह के पुत्र का नाम  हिरण्यनाभ  था। हिरण्यनाभ से  पुष्य  हुए। पुष्य से  ध्रुवसन्धि  का जन्म हुआ। ध्रुवसन्धि से  सुदर्शन  हुए। सुदर्शन के पुत्र  अग्निवर्णा  थे। अग्निवर्णा से  शीघ्र  नामक पुत्र हुए। शीघ्र से  मुरु  हुए। मरु से  प्रसुश्रुत  हुए। प्रसुश्रुत के पुत्र का नाम  सुगन्धि  था। सुगवि से  अमर्ष  नामक पुत्र हुए। अमर्ष से  महास्वन 

पता नहीं क्यों पिता हमेशा पिछड़ रहे हैं।

                                                    पता नहीं क्यों पिता हमेशा पिछड़ रहे हैं। 1. माँ की तपस्या 9 महीने की होती है! पिताजी की तपस्या 25 साल तक होती हैं, दोनों बराबर हैं, मगर फिर भी पता नहीं क्यों पिताजी पिछड़ रहे हैं। 2. माँ परिवार के लिए भुगतान किए बिना काम करती है, पिताजी भी अपना सारा वेतन परिवार के लिए ही खर्च करते हैं, उनके दोनों के प्रयास बराबर हैं, फिर भी पता नहीं क्यों पिताजी पिछड़ रहे हैं। 3. माँ आपको जो चाहे पकाती है, पिताजी भी आप जो भी चाहते हैं, खरीद देते हैं, प्यार दोनों का बराबर है, लेकिन माँ का प्यार बेहतर है। पता नहीं क्यों पिताजी पिछड़ रहे हैं। 4. जब आप फोन पर बात करते हैं, तो आप पहले मॉम से बात करना चाहते हैं, अगर आपको कोई चोट लगी है, तो आप 'मॉम' का रोना रोते हैं। आपको केवल पिताजी की याद होगी जब आपको उनकी आवश्यकता होगी, लेकिन पिताजी को कभी बुरा नहीं लगता कि आप उन्हें सदैव और हर बार याद नहीं करते? जब पीढ़ियों के लिए बच्चों से प्यार प्राप्त करने की बात आती है, तो कोई यह नहीं जानता कि पिताजी क्यों पिछड़ रहे हैं। 5. अलमारी बच्चों के लिए रंगीन कपड़ो व स

एक शक्तिशाली प्रधानमंत्री और मजबूत सरकार होने के बावजूद भी भारतिय अर्थव्यवस्था क्यों गिरती जा रही है ?

  इस वक्त हमारे देश में शक्तिशाली प्रधानमंत्री जी और पूर्ण बहुतमत वाली सरकार है | इसमें कोई शक नही,लेकिन सच्चाई बहुत ज्यादा कडवी है | पिछले कुछ सालों से देश में माहौल ऐसा है कि सच्चाई कोई देखना नहीं चाहता है | जो हमारे प्रमुख मुद्दे बदल गये हैं या बदले गये हैं यह सवाल है | आप अपने दिल पर सच्चाई से हाथ रखकर यह कहो कि आपने इस सरकार वोट क्यों दिया? 2014 में हालात कुछ और थे लेकिन मैं बात कर रहा हूँ 2019 के इलेक्शन की | क्या जबाब आया ? कृपया सच्चाई से बताइये | मुझे लगता है आपको जवाब मिल गया होगा कि इस इलेक्शन में हमारे मुद्दे ऐसे थे जिनका विकास और अर्थव्यस्था से कोई लेना देना नही था | जबकि हमारे पास 5 सालो का ट्रैक रिकॉर्ड था यह फैसला करने के लिए कि क्या विकास हुआ और क्या अर्थवस्था ठीक चल रही है | मैं यह नही कह रहा हूँ कि जिन मुद्दों पे हमने वोट किया है वो सही नही थे | वो भी मूद्दे थे और रहेंगे लेकिन देश चलता है विकास और अच्छी अर्थव्यवस्था से | जब आपके खाने को कुछ  नहीं  होगा तो क्या कुछ कर पाएंगे? नहीं ना! अर्थव्यवस्था देश को मजबूत करती है , लेकिन हम किसी और दिशा की ओर चल पड़े है | आप सोच र

क्या कानून केवल गरीबों के लिए है ?

क्या कानून केवल गरीबों के लिए है? ये एक सवाल हम सभी के दिमाग में तब आता है जब हम कभी समाचार में देखते हैं कोई बड़ा छूट गया या उसे सजा नहीं हुई। और जो लोग न्यूज़ नहीं देखते उन्हें ये बात अच्छे से समझ आ चुकी होती है।  लेकिन जो आप सोच रहे हैं क्या वो सही है या आप गलत तो नहीं आइये आज इसपर ही बात करते हैं।  पहले तो कानून को समझते हैं की हमारे देश में कैसे काम करता है।  अगर कोई घटना होती है या कोई जुर्म होता है , तो सबसे पहले हम पुलिस के पास जाते हैं FIR लिखवाने के लिए।  पुलिस पहले शिकायत लिखती है फिर आपके साथ जाकर या कुछ छानबीन के बाद ४८ घंटो में FIR लिखती है।  कुछ मामलो में बिना छानबीन के ही FIR लिखनी पड़ती है।  अब FIR के बाद मामला अदालत में पुलिस दर्ज कराती है , अगर आपको लगता है की पुलिस आपका साथ नहीं देगी तो आप सीधे अदालत भी जा सकते हैं।  अदालत में आपके वकील सबूत जमा करते हैं और जज उसे पढ़ते हैं फिल्मो की तरह नहीं की केवल सुनकर ही फैसला दे। अगर जिरह भी होती है फिर भी उसे लिखकर जज फिर से पड़ते हैं और सोच विचार कर फैसला देते हैं।  हमारे देश का कानून ऐसा है की बेगुनाह को सजा नहीं होनी चाहिए भले

रावण एक प्रकांड पंडित था |

आजकल सोशल मीडिया पर एक ट्रेंड बहुत तेजी से चल पड़ा है रावण के बखान का वो एक प्रकांड पंडित था !जी हाँ था उसने माता सीता को कभी छुआ नहीं ! ठीक अपनी बहन के अपमान के लिये पूरा कुल दाँव पर लगा दिया !जी हाँ ये भी ठीक ! अरे भाई ! माता सीता को नहीं छूने का कारण उसकी भलमनसाहत नहीं , बल्कि कुबेर के पुत्र “नलकुबेर” द्वारा दिया गया श्राप था. कि यदि किसी स्त्री को उसकी इच्छा विरुद्ध छुआ , तो उसके सिर के टुकड़े-टुकड़े हो जायेंगे... कभी लोग ये कहानी सुनाने बैठ जाते हैं कि एक माँ अपनी बेटी से ये पूछती है कि तुम्हें कैसा भाई चाहिये ? बेटी का जवाब होता है ~ रावण जैसा जो अपनी बहन के अपमान का बदला लेने के लिये सर्वस्व न्यौछावर कर दे भद्रजनों ! ऐसा नहीं है. रावण की बहन सूर्पणखां के पति का नाम विद्युतजिव्ह था , जो राजा कालकेय का सेनापति था ! जब रावण तीनो लोकों पर विजय प्राप्त करने निकला तो उसका युद्ध कालकेय से भी हुआ , जिसमें उसने विद्युतजिव्ह का वध कर दिया , तब सूर्पणखा ने अपने ही भाई को श्राप दिया कि, तेरे सर्वनाश का कारण मैं बनूँगी !!... कोई कहता है कि रावण अजेय था ! जी नहीं... प्र

Rare Diseases | Turn People A Super Human -दस दुर्लभ बीमारियां जो महाशक्तियों के साथ लोगों को शाप देती हैं

Rare Diseases | Turn People A Super Human दस दुर्लभ बीमारियां जो महाशक्तियों के साथ लोगों को शाप देती हैं, और यह क्रिप्टोनाइट नहीं है क्या आपने एक ठंड पकड़ ली है? ये सभी गंदे लक्षण फिर से एक बहती हुई नाक से खांसी को रोकते हैं और इसे खाने में दर्द होता है लेकिन आप जानते हैं कि क्या करना छोड़ दिया है आपकी बीमारी लगभग एक सप्ताह में गुजर जाएगी, लेकिन उन लोगों के जीवन की कल्पना करें जो पुरानी बीमारियों से पीड़ित हैं लोग किसी बीमारी को अप्रिय और अक्सर खतरनाक के साथ जोड़ते हैं और उनके पास ऐसा सोचने के कारण हैं, लेकिन कुछ बीमारियां हैं जो इस वीडियो में कम से कम पहली नज़र में सुपरपावर की तरह एक सामान्य ठंड के विपरीत है आप उनमें से कुछ से परिचित होंगे। ये दुर्लभ रोग न केवल वैज्ञानिकों को भ्रमित करते हैं, बल्कि अपने वाहक को सुपरहीरो के समान बनाते हैं 10 नंबर सुपर मेमोरी  इस स्थिति को हाइपरथेमेसिया कहा जाता है स्मृति का विघटन जिसके कारण व्यक्ति अपने जीवन की सभी घटनाओं को हर अंतिम विस्तार से याद करता है दुनिया में लगभग 60 लोग ऐसे हैं जिन्हें इस तरह की अनोखी बीमा