श्रीराम से बृहदबल तक के वंश का संक्षिप्त वर्णन नीचे दिया जा रहा है:
- श्रीराम के दो पुत्र हुए - लव और कुश।
- कुश के पुत्र अतिथि हुए।
- अतिथि के पुत्र का नाम निषध था।
- निषध के पुत्र नल हुए।
- नल के पुत्र नभस हुए।
- नभस के पुत्र का नाम पुण्डरीक था।
- पुण्डरीक के क्षेमधन्वा नामक पुत्र हुए।
- क्षेमधन्वा के देवानीक हुए।
- देवानीक के अहीनगर हुए।
- अहीनर के पुत्र का नाम रूप था।
- रूप के रुरु नामक पुत्र हुए।
- रुरु के पारियात्र नामक पुत्र हुए।
- पारियात्र के पुत्र का नाम दल था।
- दल के पुत्र शल हुए।
- शल के पुत्र का नाम उक्थ था।
- उक्थ के वज्रनाभ नामक पुत्र हुए।
- वज्रनाभ से शंखनाभ हुए।
- शंखनाभ के व्यथिताश्व नामक पुत्र हुए।
- व्यथिताश्व से विश्वसह हुए।
- विश्वसह के पुत्र का नाम हिरण्यनाभ था।
- हिरण्यनाभ से पुष्य हुए।
- पुष्य से ध्रुवसन्धि का जन्म हुआ।
- ध्रुवसन्धि से सुदर्शन हुए।
- सुदर्शन के पुत्र अग्निवर्णा थे।
- अग्निवर्णा से शीघ्र नामक पुत्र हुए।
- शीघ्र से मुरु हुए।
- मरु से प्रसुश्रुत हुए।
- प्रसुश्रुत के पुत्र का नाम सुगन्धि था।
- सुगवि से अमर्ष नामक पुत्र हुए।
- अमर्ष से महास्वन हुए।
- महास्वन से विश्रुतावन्त हुए।
- विश्रुतावन्त के पुत्र का नाम बृहदबल था।
आशा है आपको ये जानकारी पसंद आयी होगी। जय श्रीराम।
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