सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

अगस्त, 2017 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

तीन तलाख बंद होने के बाद के हालत

तीन तलाख को जैसे ही उच्चतम न्यायालय ने अवैध घोषित  किया है एक विशेष धर्म के लोगो के अंदर अब बेचैनी सी होने लगी है।  आइये इसके साइड इफेक्ट्स के बारे में जानते हैं। १-फतवा जज के ऊपर - आज के बाद कोई भी जज काला  कोट नहीं पहनेंगे वो रंग हमारी महिलाओ का है।  उच्चतम न्यायालय के आदेश को न माना जाये ये धर्म विरोधी है।  जज आज के बाद केवल टिंडे की सब्जी खाएंगे।  जज अबसे तीन बार नहाएंगे  अब कुछ ऐसे ही उल जलूल फतवे सुनने को मिलेंगे।  २-घर का माहौल - पति बेगम से अजी आज खाने में क्या बनेगा तो बेगम भी कहेंगी जो मन हो बना लो अब तो मोदी हमारे साथ हैं।  शौहर  के तलाख  तलाख  तलाख  तलाख  ३ बार बोलने पे अब कोई रोने के बजाय खुब  हॅसेगा। क्या मस्त जोक मारा है।  अब तो बेगम कितनी भी शॉपिंग करे शोहर बेचारा देखता ही रहेगा ये क्या हुआ कैसे हुआ।  सब जगह का माहौल - चचा - क्या हुआ  भतीजा - क्या बताये बेगम ने आज खाना नहीं दिया।  चचा- तो दे दो तलाख तुम अबतक कैसे रुके हो हमने तो तुम्हारी तीसरी चची जान को खाने में नमक नहीं देने के लिए तलाख  दे दिया था। और तुम्हे तो खाना नहीं मिला।  भतीज

हमारे देश को हो क्या गया है

हमारे देश को हो क्या गया है कल एक भाषण सुन रहा था उसमे कोई कोई  कह रहा था की every city in Bangalore (बैंगलोर के हर शहर  में ) वो भी एक बड़ी पार्टी का सबसे बड़ा नेता। अब ये समझ नहीं आता की वो कहना क्या चाहते थे की अबसे बंगलोर भी एक राज्य होगा या उनको अभी तक य पता ही नहीं है की बंगलोर राज्य है। इससे मुझे विचार आया कही कल को ये ना सुनने को मिले की सभी लालूजी भ्रष्ट नहीं है केवल एक ही हैं। सारे घोटाले घोटाले नहीं है केवल उनमे से एक ही है घोटाला बाकि सारे  तो अच्छे काम हैं। सारे केजरीवाल केजरीवाल नहीं है। सबसे ज्यादा मजा तो तब आएगा जब ये सुनने को मिलेगा मोदी जी सारे  देशो के प्रधानमंत्री हैं। आप लोग क्या सोचते हो हमारे देश के नेताओ के ऐसे भाषण  के बारे में या कोई ऐसा भाषण  जो आपको पसंद आया हो नीचे  कमेंट में लिखे।